
शनि अमावस्या पर शनि दोषों से मुक्ति पाने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है इस दिन न्याय के देवता शनि की विशेष कृपा प्राप्त होती है और वे आपके दुखों को खत्म भी करते हैं। इस बार शनि अमावस्या 4 मई, शनिवार के दिन पड़ रही है। इस मौके पर देशभर के प्रमुख शनि मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए भीड़ देखी जाती है। अमावस्या के दिन दान, स्नान और पुण्य का महत्व माना जाता है। वहीं शनि अमावस्या के दिन स्नान, पूजा पाठ कर शनि संबंधी दान करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। व्यक्ति को शनि दोषों, साढ़ेसाती या ढैय्या के कारण आ रही सभी क्षेत्रों की समस्या दूर होती है। तो आइए जानते हैं शनि अमावस्या के उपाय....

1. शनि अमावस्या के दिन शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल के कम से कम नौ दीपक जलाएं। इसके बाद पीपल के पेड़ के उतने ही अनुपात में परिक्रमा करें और शनिदेव से नौकरी के लिए प्रार्थना करें। यह उपाय सच्चे मन से करने पर जातक को अच्छी नौकरी मिलने के योग बनेंगे।
2. शनि अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद शनि मंदिर जाएं और वहां जाकर शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। मंदिर से बाहर आकर काले तिल और काले वस्त्रों का दान करें।
3. शनि अमावस्या के दिन शाम के समय काले कपड़े में सिक्के रखकर दान करने से आपकी धन संबंधी समस्या का अंत होता है और आय के स्त्रोतों में बढ़ेतरी होती है।
3. शनि अमावस्या के दिन शाम को मंदिर जाकर शनिदेव को काल तिल अर्पित करें और मंदिर में बैठकर ही "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करें। इस उपाय को करने से आपके व्यापार में वृद्धि होगी और आपको लाभ होगा।
4. परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए शनि अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और घर लौट आएं। इस दिन चींटियों को आटा खिलाने से भी बहुत फायदा मिलता है।
5. शनि अमावस्या के दिन एक बरतन में सरसों का तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर इस तेल को गरीबों को दान कर दें। नजदीक के शनि मंदिर में जाकर लोहे का छल्ला लें और अपने बाएं हाथ की मध्यमा उंगली में शनि मंत्र का जाप करते हुए पहन लें। इस उपाय को करने से आपके जीवन में हो रही दुर्घटनाओं से आपको मुक्ति मिलेगी।
6. शनिदेव की साढ़ेसाती और ढैया वाले शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की विधिवत पूजा अर्चना करें। शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और घर आकर कम से कम 11 माला "ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः" का जाप करें। ऐसे लोगों के लिए सलाह है कि वो शनिवार को नियमित तौर पर शनिदेव का जाप करें जिससे साढ़ेसाती और ढैया का प्रभाव कम होता है।
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